अजब गजब राजनीति का खेल

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1973 और 1979 में कटक के
मुनिसिपालटी चुनाव में लगातार 2 बार फेल, 1980 के दशक में
राज्यसभा पहुंचे निर्विरोध

नन्द किशोर जोशी

कटक मुनिसिपालटी के काउंसिल चुनाव 1973 के मार्च महीने में चल रहे थे. इस चुनाव में कांग्रेस की तरफ से 16 नंबर वार्ड में उम्मीदवार थे अखय कुमार पंडा.

ये कांग्रेस के उस जमाने के कटक के बडे नेताथे. काठगडा साहि के रहने वाले थे. उस समय ऐसी हवा चल रही थी कि अगर कांग्रेस सत्ता में कांउसिल में आती है तो अखय कुमार पंडा का चैयरमैन होना तय था.

ऐसी हालात में उसी 16 नंबर वार्ड से जनता पार्टि से खडे हुए थे राजनीति में नवागत सयद मुस्ताफिज अहमद. इनके पीछे ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बिरेन मित्र का आशीर्वाद था.

दिग्गज खिलाडी अखय पंडा चुनाव हार गये और नवागत मुस्ताफिज अहमद कडे मुकाबले में चुनाव जीत गये.

1979 के 31 जनवरी को फिर कटक में मुनिसिपालटी चुनाव हुए. इस चुनाव में ओडिशा सरकार ने कानून में बदलाव कर संशोधन किया था कि इस बार कांउसिलर के चुनाव के साथ साथ आम वोटर को चेयरमैन के लिए भी वोट देना है.

अर्थात एक वोटर को 2 वोट देना है साथ साथ. एक वोट देना है अपने वार्ड के कांउसिलर के लिए, वहीं दूसरा वोट देना है कटक के चैयरमैन के लिए.

इस चुनाव में कांग्रेस की तरफ से चैयरमैन उम्मीदवार थे अखय कुमार पंडा, जो 1973 के कांउसिलर पद के लिए चुनाव लड हार गये थे.

कांउसिल चुनाव में 28 कांउसिलर सीटों में शासक जनता
पार्टि के 17 सदस्य जीते थे. वहीं कांग्रेस के 8 सदस्य जीते थे.

इस चैयरमैन की सीधी टक्कर में कांग्रेस के अखय कुमार पंडा बुरी तरह से पराजित हुए. वहीं निर्दलीय त्रिलोचन कानूनगो बहुत वोटों से चुनाव जीत कर कटक के चैयरमैन बने.

1980 जनवरी में भारत की सत्ता पलटी और एक बार फिर कांग्रेस की जीत हुई. एक बार फिर इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनी. उसी 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता ओडिशा में आयी. जानकी वल्लभ
पटनायक ओडिशा के मुख्यमंत्री बने.

जानकी वल्लभ पटनायक के ओडिशा में शासन में आने के पश्चात उनकी शासन पर पकड मजबूत हुई. ठीक इसी समय जानकी वल्लभ पटनायक ने राज्यसभा चुनाव मे कांग्रेस की तरफ से अखय कुमार पंडा समेत 3 राज्यसभा की रिक्त हुई सीटों पर 3 कांग्रेसियों को उतारा.

संयोग से तीनों ही राज्यसभा के इस चुनाव में निर्विरोध चुने गये. ओडिशा विधानसभा में कांग्रेस का भारी बहुमत था. इसके कारण विरोधी कोई उम्मीदवार खडे नहीं  किये. इस तरह बिना झंझट के कटक मुनिसिपालटी चुनाव में
लगातार दो बार हारे अखय कुमार पंडा जानकी वल्लभ के
आशीर्वाद से राज्यसभा सांसद बनने में कामयाब हुए.
अजब गजब राजनीति का खेल.

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