नन्द किशोर जोशी
भारत में कोरोना भाइरस की रोक
थाम हेतु देश में सर्वप्रथम ओडिशा में लोकडाउन लगाना, केंद्र सरकार व अन्य राज्य सरकारें उसको बाद में अपनाना,
पुनः लोकडाउन को दूसरे भाग में
विस्तार देना,इसके पश्चात केंद्र व
अन्य राज्यों द्वारा भी ऐसा ही करना,नवीन की आज की भारत
की सियासत में उनकी बुद्धि का
परिचायक है.
अब देखिये कोरोना संग्राम में लडते लडते प्रायः सारे प्रदेशों के
खजाने खाली होगये हैं ओडिशा
समेत.ओडिशा के खजाने पर भी
संकट आया है,लेकिन नवीन बडे
ही धीरज से काम ले रहे हैं.
देश के प्रायःसभी राज्यों की कमायी का मुख्य जरिया आजकल शराब बिक्री है .शराब
जिएसटी में राज्यों के हाथ में है,
इस पर टैक्स लगाना, कर वसूली
करना सबकुछ राज्य सरकारें ही
करती हैं,केंद्र का इसमें कोई लेना
देना नहीं है.
ऐसे में कई राज्य जैसे दिल्ली और
आंध्रप्रदेश हैं ,उन्होंने तो जनता की शराब की प्रबल माँग देखकर
शराब पर 75% तक टैक्स भी बढा दिया है .लोग फिर भी उँचे
दामों पर शराब खरीद रहे हैं और
पी रहे हैं तथा उस राज्य के खजाने को परोक्ष से भर रहे हैं.
इसमें एक ओर ध्यान देने की बात
यह है कि पूरी दिल्ली रेडजोन में
है,जहाँ कोरोना के चलते बाकी सब काम बंद बराबर हैं ,लेकिन
शराब खूब बिक रही है.लोग कतार में घंटों खडे होकर शराब
खरीद रहे हैं,सोसयल डिस्टेसिंग
की तो बात तो भाड में गयी.
वहीं दूसरी ओर ओडिशा के ग्रीनजोन में भी नवीन ने अभी तक शराब की दुकानों को खोलने
की अनुमति नहीं दी है ,खजाना
भरने के लिए .
इस तरह नवीन ने बडी ही सूझबूझ का परिचय दिया है कि
पैसे के लिए राज्य की तीजोरी
भरने से ज्यादा ,राज्य के लोगों
की कोरोना से सुरक्षा अधिक जरुरी है.बस यही बात आज के
भारत में नवीन को अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से कुछ अलग ,
कुछ विशेष दिखा रही है.क्रमशः