जी हाँ.आपने ठीक पढा ,ओडिशा सरकार के पास ओडिशा शराब दुकान संघ ने जोरदार माँग की है कि हमारी दुकानों को लोकडाउन के आखरी यानि 17 मई तक बंद रखा जाये.
उन्होंने अपनी माँग में लिखा है कि वो इसलिए चाहते हैं कि राज्य में कोरोना समय लोग बाहर आनाजाना नहीं कर पा रहे हैं. जनता के स्वास्थ्य की शराब दुकानदारों को फिक्र है, इसलिए वे चाहते हैं कोरोना के चलते लोकडाउन समय 17 मई तक शराब दुकानों को बंद रखा जाये.
ये तो उपर की दिखावे की बात है, जब की सच्चाई यहाँ रति भर भी नहीं है. लेकिन सच्चाई यह है कि शराब दुकानदारों की अभी चाँदी है. उनको प्रत्येक बोतल पर बेचने पर आजकल मिल रहा है 5 गुना लाभ ,चोरी से दो नंबर में सरकार से छिपाकर बेचने से.अर्थात शराब खूब बिक रही है 5 गुना दामों में चोरी से ,पीछे के दरवाजे से.
शराबी को तो शराब चाहिए हर हाल में . इसलिए शराबी बिचारा 5 गुना ज्यादा दाम देकर भी शराब खरीदने के विवश है. इसी शराबियों की विवसता का लाभ उठा रहे हैं, शराब दुकानदार.
अतएव शराब दुकानदारों ने संघ के माध्यम से बहाना बनाया सरकार के पास कि अभी दुकानों को न खोलाजाये जनता के स्वार्थ के लिए. जबकि हकीकत यह है कि वे चाहते हैं , उनके पास पडा स्टोक चोरी में 5 गुना दामों में 17 मई तक बिक जाये और फिर लोकडाउन 17 मई से जब खुले तब नोर्मल लाभ होने से भी चलेगा.
उल्लेखनीय है कि ओडिशा के ग्रीनजोन में 30 मेंसे 21 जिले आते हैं , जहाँ केंद्र सरकार के गाइड लाइन के हिसाब से शराब दुकान राज्य सरकार चाहेतो खुला सकती है.राज्य सरकार भी इस संबंध में आजकल के अंदर
ही निर्णय लेगी, अतः उसके पहले शराब दुकान संघ अपने अत्यधिक लाभ कमाने के लिए सरकार को जनता स्वार्थ का बहाना कर गुमराह करना चाहती है.