1000 साल पुराना कटक शहर भारत के गिने चुने प्राचीन नगरों में से एक है.इसे मिलेनियम सिटी भी कहते हैं. ओडिया में कटक के लिए एक प्रसिद्ध कहावत भी है कटक नगर, धबल टगर कटक नगर बावन बजार, तेपन गली अर्थात पुरानी कहावत के अनुसार कटक में बाजार से ज्यादा गलियां हैं.
कटक में कोई बंदा यह नहीं कह सकता कि उसने कटक की सारी गलियां घूम ली है. इसलिए इसे हम गलियों का शहर भी कह सकते हैं.
1975 तक कटक की सारी गलियों में केरोसिन द्वारा ही स्ट्रीट लैंप जला करती थी. बिजली की स्ट्रीट लैंप तो केवल बाजारों में ही शोभा पाती थी.
उस जमाने में 1975 के पहले तक प्रत्येक संध्या में मुनिसिपालटी का एक कर्मचारी हाथ में छोटी सीढी लिए और केरोसिन भरा डिब्बा लिए कुछ गलियों में सीढी चढ केरोसिन लैंप में केरोसिन भर्ती करता था. उसीसे गलियों में रोशनी हुआ करती थी.
इस तरह अनेक कर्मचारी केरोसिन लैंप से उस समय कटक की गलियों को रोज संध्या रोशन किया करते थे. मैंने भी केरोसिन लैंप में केरोसिन डालते हुए कई
बार ऐसे ही देखा था.