भारत की गौरवगाथा सारी दुनिया में बडे आदर के साथ गूँज रही है आज. वहीं भारत के पडोसी चीन को लोग नाना तरह की समालोचना कर रहे हैं. विश्व भर में
निंदा का पात्र बना है चीन.
पिछले साल दिसंबर में कोरोना फूटा चीन की लेबोरेटरी में.चीन ने शुरुआती दिनों में कोरोना भाइरस को छिपाने में हजार कोशिश की कि समय के पहले किसी को कुछ मालूम न हो. उसके पास केमिकल हथियारों का बडा जखीरा संग्रह हो जाये.
इन केमिकल हथियारों के बल पर चीन ने विश्व विजेता का सपना देखा. चीन को अच्छी तरह से मालूम है कि जेनेभा कनभेनशन के तहत कोई भी देश रासायनिक विनाशकारी हथियार नहीं बना सकता मानवता के विनाश के लिए .बस इसीलिए चीन चोरी छिपे केमिकल विनाशकारी हथियार अपनी लेबोरेटरी में बना रहा था.
जो वैज्ञानिक लोग चीन की तरफ से इस सुनियोजित कारनामे में लगे हुए थे,उन्हीं में से कोरोना
भाइरस के शुरुआती दौर में वे ही शिकार हुए.
देखते देखते सारी दुनिया में कोरोना भयंकर रुप से फैल गया. सात समुद्र की सारी सीमाओं को कोरोना पार कर गया. आज विश्व में कोई देश इस कोरोना महामारी
के शिकार से बचा नहीं है.
ऐसे में चीन को तो लोग मानवता का सबसे बडा शत्रु समझेंगे ही ,वहीं दूसरी तरफ भारत की बात की जाये तो भारत को बडे ही सम्मान के साथ मानवता का
पुजारी दुनिया समझ रही है.
दुनिया आज भारत की तरफ बडी आशा के साथ देख रही है. भारत ने पहले अपने पडोसियों का साथ दिया. बहुत सारी औषधियों को तुरंत भेजा. अपने अच्छे पडोसी होने का परिचय दिया.
फिर दुनिया में मानवता की मदद के लिए हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन और पारासिटामल भरपूर संख्या
में भेजा.अपने पडोसी मालडीब्स, भूटान ,नेपाल के बच्चों को चीन के वुहान शहर से भारतीय बच्चों के साथ हवाई जहाज में लेकर आया. इन्हीं सब कारणों से भारत
आज दुनिया की नजरों में आँखों का तारा बना हुआ है,वहीं चीन को सभी थू थू कर रहे हैं.