“नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा”
“जो सत बार पाठ कर कोई
छुटहि बन्दी महा सुख होई”
हनुमान चालीसा की यह उपरलिखित दो पंक्ति द्वारा अर्जित आध्यात्मिक ऊर्जा को साकार रूप देने महिला शक्ति के कदम बढ़ाया। आज जब हमारा देश ही नहीं, बल्कि संसार में अधिकतर देश कोरोना वायरस रूपी महामारी से पीड़ित हैं। हम सब इसके दुष्प्रभाव से गुजर रहे हैं| इस कठिन समय पर अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मलेन ने इसी “सकारात्मक विचारों की धारा जीवन में सदा कारगर सिद्ध होती है” विचार के साथ पूरे भारत के भक्तो का आवाहन किया| हनुमान जन्मोत्सव पर सब को हनुमान चालीसा के पाठ करवाने की मुहीम चलाके।
पूरे राष्ट्र में सब शाखाओं ने बढ़ चढ़ कर अपना योगदान दिया, जिसमे कटक शाखा ने 21, 000 से ज्यादा का योगदान दिया. बहनो का उत्साह इतना अधिक था की गिनती देर रात तक भी बढ़ती जा रही थी|
राष्ट्रीय अध्यक्षा शारदा जी ने 1,25, 000( सवा लाख) हनुमान चालीसा का लक्ष्य रखा था। पर हनुमानजी की असीम कृपा रही और यह गिनती 2,51,407 पार कर गई ।देश की रक्षा, परिवार की रक्षा, स्वयं की रक्षा का जज़्बा लिए बहनों ने कमाल कर दिया। पूरे भारत में बच्चो ने भी अपनी भूमिका निभाई और और स्वेछा से हनुमान चालीसा का पाठ किया।
कटक शाखा की अध्यक्ष रमा बजाज ने सब को धन्यवाद दिया। सचिव अर्चना चौधरी ने सब का मनोबल बढ़ाया और विशेष श्रीमती संध्या अग्रवाल का जिन्होने अपने परिवार और परिचितों को प्रोत्साहित कर 11,700 हनुमान चालीसा पाठ का योग दान दिया।