अखिल भारतीय कांग्रेस 1885 से 2020,अभी तक उत्थान, शासन और पतन आठवीं कडी. नन्द किशोर जोशी

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क्रांति ओडिशा न्यूज
अखिल भारतीय कांग्रेस
1885 से 2020,अभी तक
उत्थान, शासन और पतन
आठवीं कडी. नन्द किशोर जोशी

आज आठवीं कडी महात्मा गांधी पर केंद्रित रहेगी. अगली कुछ कडियां भी महात्मा गांधी पर फोकस करेगी. देश महात्मा गांधी की 150 वीं जन्म जयंती मना रही है, मोदी के नेत्रित्व में मना रही है .गांधी जी का जन्म 1869 के 2 अक्टुबर को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.

दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद गांधी जी कांग्रेस में शामिल हुए और सक्रिय भी हुए. अब आगे.

मार्च 12,1930 की बात है. केवल78 सत्याग्रहियों को साथ लेकर गांधी जी निकल पडे नमक सत्याग्रह के लिए .गांधी जी ने एक आश्रम अहमदाबाद में बनाया था,नाम है साबरमती आश्रम. इसी आश्रम से गांधी निकले साथियों संग दांडी यात्रा पर समुद्र से नमक मारने के लिए,
संग्रह के लिए .

पैदल यात्रा थी.78 सत्याग्रहियों के साथ शुरु हुई यात्रा दांडी तक पहुंचते पहुंचते 50 हजार लोगों में
तब्दील हो गयी. उन दिनों नमक किसानों पर अंग्रेज सरकार काफी जुल्म करती थी.टैक्स बहुत मात्रा में लेती थी. किसानों का बहुत बुरा हाल था. कंगाल होने की कगार पर आगये थे किसान. ऐसे में गांधीजी का नमक सत्याग्रह का कदम सही समय पर सठीक कदम था.

25 दिन की पैदल यात्रा थी.रास्ते में समाज के सभी तबके के लोग इसमें शामिल होगये. 385 किलोमीटर यात्रा तय कर हजारों सत्याग्रही अप्रैल 6 को गांधीजी दांडी ग्राम पहुंचे और अंग्रेज सरकार की बंदिशें तोड कर नमक
समुद्र पानी से बनाये.

यह खबर बिजली की गति से सारे भारत में फैल गयी. मई 5 को अंग्रेज सरकार ने गांधीजी को गिरफ्तार कर बिना विचार के महाराष्ट्र के येरवडा जेल ले गये. इसके समर्थन में देश भर में 60 हजार लोग जेल गये. मुठी भर नमक की शक्ति देख अंग्रेज सरकार डर गयी. तीन वर्ष तक
गांधी जेल में बंद रहे.

उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद के जिस साबरमती आश्रम से गांधीजी दांडी मार्च के लिए निकले थे ,उसी आश्रम को मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जीन पींग को 3 साल पहले लेकर आयेथे. दो साल पहले जापान के प्रधानमंत्री आबे को लेकर आयेथे. अभी पिछले महीने अमेरिका के
राष्ट्रपति ट्रंप को भी लेकर आयेथे.

सभी विदेशी मेहमान सपत्नीक थे.सभी को गांधीजी का सुत काटने का चर्खा दिखाये. वे लोग नीचे बैठकर कुछ सूत भी काटे. आश्रम और गांधीजी  की सादगी जानकर अति प्रसन्न हुए. क्रमशः

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