अपना केस लड पुरी के प्रमोद को
वापस मिले 1 करोड़
शेयर ब्रोकिंग फार्म इंडिया इंफोलाइन से जीते केस
पुरी, भुवनेश्वर, कोलकाता, दृढमना प्रमोद ने भारत की प्रसिद्ध शेयर ब्रोकिंग फार्म इंडिया इनफोलाइन के विरुद्ध कोलकाता में नीचे से लेकर हाइकोर्ट तक में खुद केस लडकर जीत हासिल की है. इस शेयर धोखाधड़ी केस में कंपनी की तरफ से भारत के नामी गिरामी वकील खडे थे.
हुआ यूँ कि प्रमोद कुमार उपाध्याय पुरी के एक गांव के रहनेवाले हैं. वे तथा उनकी पत्नी दोनों अमेरिका में अच्छे पदों पर कार्यरत थे,मोटी तनख्वाह पाते थे, अमेरिका में ग्रीन कार्ड भी पागये थे,लेकिन उनका मन वहाँ लगा नहीं, स्वदेश आगये.
पत्नी वैज्ञानिक है , कोलकाता में अच्छी नौकरी मिल गयी.प्रमोद ने भुवनेश्वर में एक छोटा उद्दोग शुरु किया. कोलकाता में प्रमोद के घर एक दिन इंडिया इनफोलाइन शेयर ब्रोकिंग फार्म के अधिकारी पहुंच प्रमोद को शेयर में निवेश के लिए समझाये. प्रमोद ने उनके कहे अनुसार 80 लाख के शेयर खरीद लिए.
इंडिया इनफोलाइन कंपनी ने उन शेयरों को बंधक रख बैंक से लोन लेलिया. तत्पश्चात सारे पैसों को खर्च कर दिया. जब प्रमोद को जानकारी मिली तब कंपनी वाले प्रमोद को धमकियां देने लगे.
तब प्रमोद ने 2018 में सेबी को और एनएसई को कंपलेन दिया. कोई सुनवाई नहीं हुई.कोलकाता में ट्रिब्यूनल में केस लेगये.प्रमोद स्वंय कानूनी किताबें पढकर केस लढे एवं ट्रिब्यूनल में जीते .
कंपनी अपिल की डिस्ट्रिक्ट जज कोर्ट में ,वहां भारत के नामी गिरामी वकील ने कंपनी की पैरवी की.लेकिन प्रमोद की खुद की तर्क के सामने कंपनी की एक न चली और जजकोर्ट भी कंपनी हार गयी.
अंत में कंपनी हाइकोर्ट पहुंची, वहाँ भी प्रमोद ने अपना केस स्वंय लढा ,कानूनी किताबें पढ पढ कर
और जीत गये.अब प्रमोद को 1 करोड़ रुपये मिले ब्याज समेत ः
एक अनुकरणीय उदाहरण